भरतपुर, हलचल। वन विभाग द्वारा शुक्रवार को वन्य जीवों के शिकार उपरांत परिवहन कर ले जाते हुए शिकारियों को पकड़ा गया। उपवन संरक्षक मोहित गुप्ता ने बताया कि मुखबिर द्वारा गुप्त सूचना मिलने के बाद वनपाल रनवीर तथा वनरक्षक मुकेश एंव रोहताश द्वारा नाके बंदी की कार्यवाही की गई इस दौरान ऑटो रिक्शा में सवार शिकारियों को रोका गया तथा एक शिकारी को मौके पर ही हिरासत में ले लिया गया। शिकारियों के कब्जे से दो सियार, दो जंगली बिल्लियां एवं एक कॉमन केट के शव तथा दो जिन्दा पाटागोह बरामद किये शिकारियों के पास से लोहे के 24 फंदे, धारदार हथियार तथा एक मोबाइल फोन भी बरामद किया गया। ऑटो रिक्शा को भी अग्रिम कार्यवाही हेतु जब्त किया गया इस दौरान वन विभाग ने कार्यवाही को आगे बढाते हुए प्रादेशिक वन मण्डल एवं वन्यजीव वन मण्डल के गश्ती दलों को तैयार कर पुलिस के साथ सयुंक्त दबिश की कार्यवाही की गयी तथा मौके से एक अभियुक्त को हिरासत में लिया गया दबिश की कार्यवाही अभिषेक शर्मा सहायक वन संरक्षक के नेतृत्व में की गयी साथ में पवन कुमार यादव क्षेत्रीय वन अधिकारी, भरतपुर एवं इनका स्टॉफ साथ में था।
राज्य भर में शिकार के प्रति प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हाफ) राजस्थान एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजस्थान द्वारा घोषित हुए रेड अलर्ट की पालना में मुख्य वन संरक्षक, भरतपुर एवं फील्ड निदेशक रणथम्भौर द्वारा गुप्त सूचना तंत्र विकसित करने के निर्देश दिये गये थे, इसी सूचना तंत्र की मदद से कार्यवाही को अंजाम दिया गया।
प्रकरण में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधानो के तहत अभियुक्तों को हिरासत में लिया गया है तथा अन्य फरार शिकारियों की तलाश की जा रही है जिसमें विभाग पूरी मुश्तेदी से लगा हुआ हैं। वन विभाग द्वारा अवैध वन्य जीव व्यापार में किसी बड़े गिरोह के संलिप्त होने का पता भी लगाया जा रहा है।